पर्वत या पहाड़ी पृथ्वी की भू सतह पर प्राकृतिक रूप से उभरा या उठा हुआ हिस्सा होता है। यह अधिकतर आकस्मिक तरीके से उभरा होता है और इसकी ऊंचाई पहाड़ी से अधिक होती है। पर्वत की उचाई लगभग 1000 फीट से ऊपर होती है और पठार से अधिक होती है जब पृथ्वी की ऊपरी चट्टानों में भ्रन्सन के कारण जब किनारे के भूभाग नीचे धंस जाता है बीच की चट्टानें ऊपर उठ जाती है। इस प्रकार बड़े पर्वत को हार्ज पर्वत कहते हैं।


पर्वतों का निर्माण


नवीन पर्वत या वलित पर्वतों का निर्माण बिनाशी टेक्टोनिक प्लेटों के आपस में टकराने के कारण होता है। टक्कर के उपरांत भारी प्लेट का घनत्व अधिक होने के कारण नीचे धंस जाती है जबकि हल्की प्लेट उपर उठ जाती है। जिसके कारण यह प्लेटे मुड़कर ऊपर उठ जाती है और पर्वत का निर्माण होता है।


पर्वत मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं।



1.वलित पर्वत


2.ज्वालामुखी पर्वत


3.अवशिष्ट पर्वत


4.हार्ज पर्वत / भ्रंशोत्थ पर्वत


वलित पर्वत –


दुनिया में स्थित लगभग सभी बड़े और ऊंचे पर्वत इसके उदाहरण है। उनको मोड़दार पर्वत और नवीन पर्वत भी कहा जाता है। उनका निर्माण विनाशी चट्टानो के आपस में संकुचन से होता है। वलित पर्वत के उदाहरण –


1.हिमालय


2.आल्पस


3.एण्डीज


4.राकी


5.कुनलुनशान


6.अराकानयोमा


7.ग्रेट डिवाइडिंग रेंज


8.पिरेनीज


9.ड्रैकन्सबर्ग आदि है।


ज्वालामुखी पर्वत –


इन पर्वतों का निर्माण ज्वालामुखी के उद्गार के फल स्वरुप होता है। इनको दो भागों में बांटा गया है



सिण्डर


मिश्रित ज्वालामुखी पर्वत


सिण्डर – जब ज्वालामुखी से निकले मैग्मा से बने हुए पर्वतों में सिर्फ राख पाई जाती है तो उसको सिण्डर कहते हैं।



मिश्रित ज्वालामुखी – जब ज्वालामुखी से निकले मैग्मा में राख के अलावा चट्टानें, खनिज लवण, कोयला जीवाश्म और भी पदार्थ पाई जाती हैं। तो इस तरह के पर्वत मिश्रित ज्वालामुखी पर्वत कहलाते हैं।


ब्लॉक पर्वत का निर्माण पृथ्वी की सतह में भ्रंसन के द्वारा जब बीच वाला भाग ऊपर उठ जाता है या बहुत भागों के टूट कर उधर उर्धवाधर रूप से विस्थापित होने के कारण ऊपर उठे भागो के द्वारा भ्रंशोत्थ पर्वत बनता है। और इस प्रक्रिया में नीचे धसे भाग को भ्रंश घाटी कहते हैं। भ्रंशोत्थ पर्वत के उदाहरण – विन्ध्य पर्वत श्रेणी, ब्लैक फॉरेस्ट पर्वत जर्मनी। भ्रंश घाटी के उदाहरण – राइन नदी, नर्मदा नदी, ताप्ती नदी