अगर आजकल आप शाम होते ही आसमान की ओर नजर दौड़ाएं तो आसमान में एक चमकदार तारा चमकता हुआ नजर आता है. उसकी स्थिर चमक साफ नजर आती है. ये भी नजर आता है कि ये तारा ना केवल सबसे ज्यादा चमकदार है बल्कि बड़ा भी है. कई बार हैरान होते होंगे कि ये तारा कौन सा है, जो इन दिनों इतना साफ होकर हमें नीले आकाश में नजर आ रहा है.
ये तारा दरअसल शुक्र ग्रह है, जो सबसे चमकदार माना जाता है.सूरज के ढ़लने के बाद पश्चिम में सबसे चमकदार और सबसे बड़ा दिखलाई देने वाला तारा शु्क्र ग्रह ही है. उसे शाम का तारा भी कहा जाता है. चूंकि आजकल वातावरण एकदम साफ है, लिहाजा शुक्र की चमक भी कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है.
पहाड़ पृथ्वी की सतह का एक ऊंचा हिस्सा है, आम तौर पर खड़ी किनारों के साथ जो महत्वपूर्ण आधार दिखाते हैं। पर्वत एक सीमित शिखर क्षेत्र में एक पठार से भिन्न होता है, और एक पहाड़ी से बड़ा होता है, जो आसपास की भूमि से कम से कम 300 मीटर ऊपर होता है।
पहाड़ और तारों में अंतर :
·1.कुछ पर्वत के अलग-अलग शिखर हैं, लेकिन अधिकांश पर्वत श्रृंखलाओं में पाए जाते हैं।
·2.आधुनिक युग में किसी तारों के तारामंडल के इर्द-गिर्द के क्षेत्र को भी उसी तारामंडल का नाम दे दिया जाता है। इस प्रकार पूरे खगोलीय गोले को अलग-अलग तारामंडलों में विभाजित कर दिया गया है। अगर यह बताना हो कि कोई खगोलीय वस्तु रात्री में आकाश में कहाँ मिलेगी तो यह बताया जाता है कि वह किस तारामंडल में स्थित है। ध्यान रहें कि किसी तारामंडल में दिखने वाले तारे और अन्य वस्तुएँ पृथ्वी से देखने पर भले ही एक-दूसरे के समीप लगें लेकिन ज़रूरी नहीं है कि ऐसा वास्तव में भी हो। जिस तरह दूर देखने पर दो पहाड़ एक-दूसरे के नज़दीक लग सकते हैं लेकिन समीप जाने पर पता चलता है के उनमें बहुत फ़ासला है और एक पहाड़ वास्तव में दूसरे पहाड़ से मीलों पीछे है
·3.पहाड़ों पर उच्च ऊंचाई समान अक्षांश पर समुद्र तल की तुलना में ठंडी जलवायु का उत्पादन करती है। ये ठंडी जलवायु पहाड़ों के पारिस्थितिक तंत्र को बहुत प्रभावित करती है। अलग-अलग ऊंचाई पर अलग-अलग पौधे और जानवर होते हैं। कम जलवायु के कारण, पहाड़ों का उपयोग कृषि के लिए कम और संसाधन निष्कर्षण के लिए अधिक किया जाता है। जैसे कि खनन और स्कीइंग।
·4.तारामंडल में वह तारे और खगोलीय वस्तुएं होती हैं जो पृथ्वी की सतह से देखने पर स्थाई रूप से आकाश में एक ही क्षेत्र में इकठ्ठी नज़र आती हैं। इसका मतलब यह नहीं है की ये वास्तव में एक-दूसरे के पास हैं या इनका आपस में कोई महत्वपूर्ण गुरुत्वाकर्षण बंधन है। इसके विपरीत तारागुच्छ ("स्टार क्लस्टर") के तारे वास्तव में एक गुच्छे में होते हैं और इनका आपस में गुरुत्वार्षण बंधन होता है।
·5.पर्वत टेक्टोनिक बलों, क्षरण, या ज्वालामुखी के माध्यम से बनते हैं, जो लाखों वर्षों तक के समय के पैमाने पर कार्य करते हैं एक बार जब पहाड़ का निर्माण बंद हो जाता है, तो पहाड़ों को धीरे-धीरे अपक्षय की क्रिया के माध्यम से, ढलान और बड़े पैमाने पर बर्बादी के अन्य रूपों के साथ-साथ नदियों और ग्लेशियरों द्वारा कटाव के माध्यम से समतल किया जाता है।पृथ्वी पर सबसे ऊँचा पर्वत एशिया के हिमालय में माउंट एवरेस्ट है, जिसका शिखर समुद्र तल से 8,850 मीटर ऊपर है। सौर मंडल के किसी भी ग्रह पर सबसे ऊंचा ज्ञात पर्वत मंगल ग्रह पर 21,171 मीटर पर ओलंपस मॉन्स है।बीसवीं सदी तक खगोलशास्त्री ये मानते थे कि ब्रहमांड में सभी तारों को गिन पाना असंभव है. वो ये भी मानते थे कि अंतरिक्ष भी सीमाहीन है.
पैराडॉक्स की बात को साबित करने के उन्नीसवीं सदी के कुछ वैज्ञानिकों ने कहा कि तारों के बीच धूल के बादल हैं जो धरती की तरफ आने वाली रोशनी को सोख लेते हैं ताकि को धरती तक पहुंच न पाए. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि ये धूल इतनी एनर्जी सोख लेंगे कि ये खुद ही चमकने लगेंगे.ब्रह्मांड एक सीमित जगह है जहां अरबों तारे हैं लेकिन वो इतने काफी नहीं हैं कि वो पूरे ब्रहमांड में रोशनी करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.